Time Memory Tradeoff Attack in Cryptography in Hindi - टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक क्या है?


टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक (Time Memory Tradeoff Attack) क्या है?

**टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक (Time-Memory Tradeoff Attack - TMTO)** एक क्रिप्टोग्राफिक हमला है जिसमें हमलावर **कम स्टोरेज (Memory) का उपयोग कर अधिक समय (Time) लेकर** क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम को क्रैक करने का प्रयास करता है। इस हमले में हमलावर **प्री-कंप्यूटेड डेटा** का उपयोग करके पासवर्ड हैश या एन्क्रिप्शन कुंजी को तोड़ने की कोशिश करता है।

टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक की विशेषताएँ

  • स्टोरेज बनाम समय संतुलन: यह तकनीक स्टोरेज और प्रोसेसिंग समय के बीच संतुलन बनाकर हमले को प्रभावी बनाती है।
  • प्री-कंप्यूटेड टेबल्स का उपयोग: पहले से बनाए गए डेटा (जैसे **रेनबो टेबल्स**) का उपयोग किया जाता है।
  • ब्रूट फोर्स से तेज़: यह तकनीक **ब्रूट फोर्स अटैक** की तुलना में तेज़ होती है, क्योंकि इसमें कुछ गणनाएँ पहले से की जाती हैं।
  • लॉन्ग-टर्म स्टोरेज: एक बार बनाई गई टेबल्स का बार-बार उपयोग किया जा सकता है।

टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक का कार्य सिद्धांत

यह अटैक **पासवर्ड हैश क्रैकिंग** और **क्रिप्टोग्राफिक कुंजियों को तोड़ने** के लिए उपयोग किया जाता है।

1. प्री-कंप्यूटेशन स्टेप (Pre-computation Step)

  • हमलावर संभावित पासवर्ड्स की **हैश टेबल** बनाता है।
  • इस स्टेप में अधिक समय लगता है लेकिन यह प्रक्रिया एक बार ही की जाती है।

2. स्टोरेज स्टेप (Storage Step)

  • सभी प्री-कंप्यूटेड वैल्यूज़ को टेबल में संग्रहीत किया जाता है।
  • यह एक तरह का डेटाबेस होता है जिसे बार-बार उपयोग किया जा सकता है।

3. अटैक स्टेप (Attack Step)

  • जब हमलावर को किसी डेटा का हैश मिलता है, तो वह इसे **रेनबो टेबल्स** से तुलना करता है।
  • अगर कोई मेलिंग एंट्री मिलती है, तो मूल डेटा को पुनः प्राप्त कर लिया जाता है।

रेनबो टेबल (Rainbow Table) क्या है?

रेनबो टेबल एक प्री-कंप्यूटेड **पासवर्ड-हैश मैपिंग टेबल** होती है, जिसमें पहले से संभावित पासवर्ड्स के हैश संग्रहीत होते हैं। यह टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक का सबसे सामान्य रूप है।

टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक के उदाहरण

अटैक टाइप विवरण
रेनबो टेबल अटैक पासवर्ड क्रैकिंग के लिए उपयोग किया जाता है, जहाँ पहले से बनाए गए हैश टेबल्स को मैप किया जाता है।
DES क्रैकिंग DES एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए प्रयुक्त ट्रेडऑफ तकनीक।
Key Search Attack एन्क्रिप्शन कुंजियों की संभावनाओं को कम करने के लिए टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ का उपयोग किया जाता है।

टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक से बचाव

इस हमले से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • साल्टिंग (Salting): पासवर्ड हैशिंग के समय **यूनिक साल्ट** जोड़कर रेनबो टेबल हमलों से बचा जा सकता है।
  • PBKDF2, bcrypt, और Argon2 का उपयोग: ये आधुनिक पासवर्ड-हैशिंग एल्गोरिदम अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • लॉन्गर पासवर्ड्स: पासवर्ड की लंबाई बढ़ाने से ट्रेडऑफ अटैक को निष्प्रभावी किया जा सकता है।
  • दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication - 2FA): यदि पासवर्ड चोरी भी हो जाए, तो लॉगिन करने के लिए एक अतिरिक्त स्तर की सुरक्षा रहती है।

टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक बनाम ब्रूट फोर्स अटैक

विशेषता टाइम-मेमोरी ट्रेडऑफ अटैक ब्रूट फोर्स अटैक
स्पीड प्री-कंप्यूटेड डेटा के कारण तेज़ धीमा
स्टोरेज आवश्यकता अधिक न्यूनतम
कुशलता प्री-कंप्यूटेड टेबल्स से तेज़ हर बार नए प्रयास से धीमा
उपयोग पासवर्ड क्रैकिंग और एन्क्रिप्शन तोड़ने में सीधे सभी संभावनाओं को आजमाने में

निष्कर्ष

**Time-Memory Tradeoff Attack (TMTO)** क्रिप्टोग्राफिक प्रणालियों को क्रैक करने की एक प्रभावी विधि है जो स्टोरेज और समय के बीच संतुलन बनाकर कार्य करती है। इस हमले से बचने के लिए आधुनिक पासवर्ड-हैशिंग तकनीकों, साल्टिंग, और **दो-चरणीय प्रमाणीकरण** का उपयोग किया जाना चाहिए।

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