आरएसए हस्ताक्षर और श्नोर पहचान योजना - RSA Signatures & Schnorr Identification Schemes in Hindi


आरएसए हस्ताक्षर और श्नोर पहचान योजना - RSA Signatures & Schnorr Identification Schemes in Hindi

परिचय

डिजिटल हस्ताक्षर (Digital Signatures) **क्रिप्टोग्राफी में एक महत्वपूर्ण तकनीक** है, जो डेटा की **अखंडता (Integrity), प्रमाणीकरण (Authentication), और गैर-प्रतिसेध (Non-repudiation)** सुनिश्चित करती है। RSA और Schnorr पहचान योजना **डिजिटल हस्ताक्षरों और प्रमाणन के लिए उपयोग किए जाने वाले दो महत्वपूर्ण एल्गोरिदम** हैं।

इस ब्लॉग में हम **RSA Signatures और Schnorr Identification Scheme** को विस्तार से समझेंगे।

1. आरएसए डिजिटल हस्ताक्षर (RSA Digital Signatures)

1.1 आरएसए हस्ताक्षर क्या है? (What is RSA Signature?)

**RSA Digital Signature** एक **Asymmetric Cryptographic Algorithm** है, जिसका उपयोग दस्तावेजों और संदेशों की **प्रामाणिकता (Authenticity) और अखंडता (Integrity)** सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

यह **RSA क्रिप्टोसिस्टम (RSA Cryptosystem)** पर आधारित होता है, जिसमें **Public Key और Private Key** का उपयोग किया जाता है।

1.2 आरएसए हस्ताक्षर कैसे काम करता है? (How RSA Digital Signature Works?)

RSA डिजिटल हस्ताक्षर तीन चरणों में काम करता है:

चरण 1: कुंजी निर्माण (Key Generation)

  • दो बड़े प्राइम नंबर **( p ) और ( q )** चुनें।
  • **मॉड्यूलस गणना करें:** ( N = p imes q )
  • **Euler’s Totient Function:** ( phi(N) = (p-1) imes (q-1) )
  • **सार्वजनिक कुंजी चुनें:** एक सार्वजनिक गुणांक ( e ) लें, जहाँ ( 1 < e < phi(N) ) और यह ( phi(N) ) के साथ सहप्राथमिक (Coprime) हो।
  • **निजी कुंजी निकालें:** ( d = e^{-1} mod phi(N) )
  • **Public Key:** ( (N, e) ), **Private Key:** ( (N, d) )

चरण 2: हस्ताक्षर निर्माण (Signature Generation)

  • संदेश **M** का **हैश (Hash)** निकालें: ( H(M) )
  • हस्ताक्षर की गणना करें: ( S = H(M)^d mod N )
  • ( S ) डिजिटल हस्ताक्षर कहलाता है।

चरण 3: हस्ताक्षर सत्यापन (Signature Verification)

  • प्राप्तकर्ता को **(M, S, और Public Key ( (N, e) ))** मिलते हैं।
  • वह ( S ) को सत्यापित करने के लिए गणना करता है:
  • [ H(M) = S^e mod N ]

  • यदि यह ( H(M) ) के मूल मान से मेल खाता है, तो हस्ताक्षर वैध होता है।

1.3 RSA हस्ताक्षर के उपयोग (Applications of RSA Signatures)

  • **डिजिटल सर्टिफिकेट (Digital Certificates)**
  • **सुरक्षित ईमेल और संदेश हस्ताक्षर**
  • **ब्लॉकचेन और क्रिप्टोक्यूरेंसी**
  • **ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और बैंकिंग सुरक्षा**

2. श्नोर पहचान योजना (Schnorr Identification Scheme)

2.1 श्नोर पहचान योजना क्या है? (What is Schnorr Identification Scheme?)

**Schnorr Identification Scheme** एक **Zero-Knowledge Proof-based Identification System** है, जिसका उपयोग उपयोगकर्ता की पहचान सत्यापित करने के लिए किया जाता है **बिना किसी संवेदनशील जानकारी को उजागर किए**।

यह **Discrete Logarithm Problem (DLP)** पर आधारित होता है और इसे **क्लॉस श्नोर (Claus Schnorr)** ने विकसित किया था।

2.2 श्नोर पहचान योजना कैसे काम करता है? (How Schnorr Identification Works?)

**इसमें तीन चरण होते हैं:**

चरण 1: सेटअप (Setup Phase)

  • एक बड़ा प्राइम नंबर **( p )** और एक आधार **( g )** चुना जाता है।
  • एक **Private Key ( x )** लिया जाता है और **Public Key** निकाली जाती है:
  • [ y = g^x mod p ]

  • अब सार्वजनिक रूप से ( (p, g, y) ) साझा किया जाता है।

चरण 2: चैलेंज-रिस्पॉन्स प्रोटोकॉल (Challenge-Response Protocol)

  • **प्रूवर (Prover)** एक यादृच्छिक संख्या ( r ) चुनता है और गणना करता है:
  • [ R = g^r mod p ]

  • यह ( R ) को **वेरिफायर (Verifier)** को भेजता है।
  • वेरिफायर एक **चैलेंज (Challenge)** संख्या ( c ) चुनता है और प्रूवर को भेजता है।
  • प्रूवर उत्तर देता है:
  • [ s = r + cx mod (p-1) ]

चरण 3: सत्यापन (Verification)

  • वेरिफायर जाँच करता है कि:
  • [ g^s mod p = R cdot y^c mod p ]

  • यदि यह सत्य है, तो **सत्यापन सफल होता है**।

2.3 श्नोर पहचान योजना के उपयोग (Applications of Schnorr Identification Scheme)

  • **पासवर्ड-रहित प्रमाणीकरण (Password-less Authentication)**
  • **ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी**
  • **डिजिटल हस्ताक्षर (Schnorr Digital Signatures)**
  • **मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA)**

3. RSA और श्नोर पहचान योजना की तुलना (Comparison of RSA and Schnorr Identification)

विशेषता RSA Signature Schnorr Identification
आधार Integer Factorization Problem (IFP) Discrete Logarithm Problem (DLP)
प्रक्रिया Public Key Cryptography Zero-Knowledge Proof
गति धीमा तेज़
सुरक्षा Quantum Computing के प्रति असुरक्षित Quantum Computing के लिए अधिक सुरक्षित
उपयोग SSL/TLS, Digital Signatures Authentication, Digital Signatures

निष्कर्ष

**RSA Digital Signatures** डिजिटल प्रमाणन और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोग्राफिक तकनीक है, जबकि **Schnorr Identification Scheme** एक **Zero-Knowledge Proof-based Authentication** तकनीक है।

दोनों तकनीकों का उपयोग **सुरक्षित संचार, ब्लॉकचेन और डिजिटल हस्ताक्षरों** में किया जाता है, और भविष्य में **Quantum Computing के लिए नए एल्गोरिदम विकसित किए जा रहे हैं**।

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