क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम और इसके प्रकार - Classical Cryptosystem and Its Types in Hindi


क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम और इसके प्रकार - Classical Cryptosystem and Its Types in Hindi

परिचय

क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) प्राचीन समय से संचार को सुरक्षित करने के लिए उपयोग की जाती रही है। **Classical Cryptosystem** को शुरुआती क्रिप्टोग्राफिक तकनीकों के रूप में जाना जाता है, जहाँ सरल गणितीय कार्यों और पैटर्न को छिपाने की तकनीकों का उपयोग किया जाता था।

इस ब्लॉग में हम क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम और उसके विभिन्न प्रकारों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

1. क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम क्या है?

Classical Cryptosystem वह प्रणाली है जिसमें **Symmetric Key Cryptography** का उपयोग किया जाता है, यानी **Encryption और Decryption** दोनों के लिए एक ही कुंजी का उपयोग किया जाता है।

**Encryption:** प्लेनटेक्स्ट (Plaintext) को Ciphertext में बदलने की प्रक्रिया।

**Decryption:** Ciphertext को फिर से Plaintext में बदलने की प्रक्रिया।

2. क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम के प्रकार

Classical Cryptosystem मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

  • 1. प्रतिस्थापन सिफर (Substitution Cipher)
  • 2. ट्रांसपोज़िशन सिफर (Transposition Cipher)

2.1 प्रतिस्थापन सिफर (Substitution Cipher)

इस तकनीक में प्लेनटेक्स्ट के प्रत्येक अक्षर को किसी अन्य अक्षर, संख्या, या प्रतीक के साथ बदल दिया जाता है।

2.1.1 सीज़र सिफर (Caesar Cipher)

Caesar Cipher सबसे पुराना Substitution Cipher है, जिसमें प्रत्येक अक्षर को कुछ निश्चित स्थानों (शिफ्ट) से बदल दिया जाता है।

उदाहरण:

  • शिफ्ट = 3 के लिए
  • Plaintext: HELLO
  • Ciphertext: KHOOR

2.1.2 मोनोअल्फाबेटिक सिफर (Monoalphabetic Cipher)

इस सिफर में प्रत्येक अक्षर को एक निश्चित अन्य अक्षर के साथ बदला जाता है। यह सीज़र सिफर से अधिक सुरक्षित होता है।

2.1.3 वीजेनर सिफर (Vigenère Cipher)

यह एक बहु-अक्षरीय सिफर (Polygraphic Cipher) है, जो एक कीवर्ड (Keyword) के आधार पर विभिन्न शिफ्ट का उपयोग करता है।

2.2 ट्रांसपोज़िशन सिफर (Transposition Cipher)

इस तकनीक में अक्षरों को बदला नहीं जाता, बल्कि उनके स्थान को पुनः व्यवस्थित (Rearrange) किया जाता है।

2.2.1 रेल फेंस सिफर (Rail Fence Cipher)

इस सिफर में अक्षरों को एक ज़िग-ज़ैग पैटर्न में लिखा जाता है और फिर एक क्रम में पढ़ा जाता है।

उदाहरण:

  • Plaintext: "HELLO WORLD"
  • रूपांतरण: HELLO WORLD
  • Ciphertext: "HLOOL ELWRD"

2.2.2 कॉलमnar ट्रांसपोज़िशन सिफर (Columnar Transposition Cipher)

इस सिफर में टेक्स्ट को एक ग्रिड में लिखा जाता है और फिर स्तंभों (Columns) के क्रम को बदल दिया जाता है।

3. क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम के उपयोग

  • प्राचीन युद्ध संचार (Ancient Military Communication)
  • गुप्त संदेश भेजने के लिए
  • प्रारंभिक कंप्यूटर सुरक्षा

4. आधुनिक क्रिप्टोग्राफ़ी पर प्रभाव

हालांकि क्लासिकल क्रिप्टोसिस्टम अब व्यापक रूप से उपयोग में नहीं हैं, लेकिन ये आधुनिक क्रिप्टोग्राफ़ी (जैसे AES, RSA) की नींव हैं।

निष्कर्ष

Classical Cryptosystem डेटा सुरक्षा का शुरुआती रूप था, जिसमें **Substitution और Transposition Cipher** प्रमुख थे। हालांकि, आधुनिक क्रिप्टोग्राफ़ी अधिक सुरक्षित एल्गोरिदम का उपयोग करती है, लेकिन क्लासिकल क्रिप्टोग्राफ़ी की अवधारणाएँ अभी भी महत्वपूर्ण हैं।

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