Shared Variable Model in Computer Architecture in Hindi | साझा वेरिएबल मॉडल


साझा वेरिएबल मॉडल क्या है?

Shared Variable Model एक कंप्यूटर आर्किटेक्चर तकनीक है, जिसमें एक ही मेमोरी स्पेस को कई प्रोसेसर द्वारा साझा किया जाता है। यह मॉडल समानांतर और मल्टीथ्रेडेड प्रोग्रामिंग में उपयोग किया जाता है, ताकि प्रोसेसिंग तेज़ और कुशल हो सके।

साझा वेरिएबल मॉडल का परिचय

साझा वेरिएबल मॉडल में, सभी प्रोसेसर एक साझा मेमोरी (Shared Memory) का उपयोग करते हैं और एक ही डेटा को एक्सेस कर सकते हैं। यह तकनीक मल्टीप्रोसेसिंग, मल्टीथ्रेडिंग और सुपर कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

साझा वेरिएबल मॉडल के घटक

घटक विवरण
साझा मेमोरी एक वैश्विक मेमोरी जिसे सभी प्रोसेसर एक्सेस कर सकते हैं।
संसाधन समन्वय (Resource Coordination) सिंकрониज़ेशन तंत्र का उपयोग प्रोसेसर के बीच टकराव से बचने के लिए किया जाता है।
थ्रेड और प्रोसेस समानांतर रूप से कई कार्यों को निष्पादित करने के लिए थ्रेड्स का उपयोग किया जाता है।
कैश कोहेरेंस मैकेनिज्म प्रत्येक प्रोसेसर के कैश को सिंक्रनाइज़ करने के लिए तकनीकें लागू की जाती हैं।

साझा वेरिएबल मॉडल के प्रकार

1. वैश्विक साझा मेमोरी (Global Shared Memory)

इस मॉडल में, सभी प्रोसेसर एक साझा मेमोरी को एक्सेस करते हैं और डेटा को साझा करते हैं।

2. वितरित साझा मेमोरी (Distributed Shared Memory - DSM)

इसमें प्रत्येक प्रोसेसर की अपनी लोकल मेमोरी होती है, लेकिन वे इसे साझा किए गए संसाधन की तरह उपयोग कर सकते हैं।

साझा वेरिएबल मॉडल बनाम संदेश पासिंग मॉडल

गुण साझा वेरिएबल मॉडल संदेश पासिंग मॉडल
डेटा एक्सेस साझा मेमोरी के माध्यम से संदेशों के आदान-प्रदान के माध्यम से
प्रदर्शन बेहतर मध्यम
प्रोग्रामिंग जटिलता सरल जटिल
स्केलेबिलिटी सीमित उच्च

साझा वेरिएबल मॉडल की समस्याएँ और समाधान

1. रेस कंडीशन (Race Condition)

समस्या: जब कई प्रोसेसर एक ही समय में साझा वेरिएबल को एक्सेस करते हैं, तो डेटा असंगति (Data Inconsistency) हो सकती है।

समाधान: म्यूटेक्स (Mutex), सेमाफोर (Semaphore) और क्रिटिकल सेक्शन (Critical Section) तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

2. डेडलॉक (Deadlock)

समस्या: जब दो प्रोसेसर एक-दूसरे के संसाधनों का इंतजार करते रहते हैं, जिससे कोई निष्पादन नहीं हो पाता।

समाधान: संसाधनों को लॉक करने के लिए टाइमआउट रणनीति (Timeout Strategy) का उपयोग करें।

3. कैश कोहेरेंस (Cache Coherence)

समस्या: जब विभिन्न प्रोसेसर अपने कैश में अलग-अलग डेटा रखते हैं, तो डेटा असंगति उत्पन्न हो सकती है।

समाधान: MESI प्रोटोकॉल (Modified, Exclusive, Shared, Invalid) और Snoopy Cache Coherence तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

साझा वेरिएबल मॉडल के अनुप्रयोग

  • सुपर कंप्यूटर और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग।
  • मल्टीथ्रेडिंग और मल्टीप्रोसेसिंग एप्लिकेशन।
  • क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा सेंटर।
  • वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग गणनाएँ।

निष्कर्ष

साझा वेरिएबल मॉडल कंप्यूटर आर्किटेक्चर में एक महत्वपूर्ण तकनीक है, जो प्रोसेसर के बीच समानांतर डेटा प्रोसेसिंग को संभव बनाता है। यह मल्टीकोर सिस्टम, सुपर कंप्यूटर और क्लाउड कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि, यह कुछ चुनौतियों जैसे रेस कंडीशन, डेडलॉक और कैश कोहेरेंस से प्रभावित हो सकता है, लेकिन इन्हें हल करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

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