Pipeline Hazards in Computer Architecture in Hindi | पाइपलाइन हैजार्ड्स


पाइपलाइन हैजार्ड्स क्या हैं?

कंप्यूटर आर्किटेक्चर में Pipeline Hazards वे स्थितियाँ हैं जो पाइपलाइन के सामान्य प्रवाह को बाधित करती हैं और निष्पादन (Execution) की गति को कम कर सकती हैं। ये हैजार्ड्स प्रोसेसर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं और पाइपलाइन स्टाल्स (Pipeline Stalls) उत्पन्न कर सकते हैं।

पाइपलाइन हैजार्ड्स के प्रकार

मुख्य रूप से तीन प्रकार के पाइपलाइन हैजार्ड्स होते हैं:

हैजार्ड प्रकार विवरण निवारण विधि
डेटा हैजार्ड (Data Hazard) जब एक इंस्ट्रक्शन अगले इंस्ट्रक्शन के लिए आवश्यक डेटा को अभी तक अपडेट नहीं कर पाया हो, तब यह समस्या उत्पन्न होती है। फॉरवर्डिंग (Forwarding), स्टालिंग (Stalling)
कंट्रोल हैजार्ड (Control Hazard) जब ब्रांच इंस्ट्रक्शन का आउटपुट ज्ञात नहीं होता और अगले इंस्ट्रक्शन को पहले से ही फेच कर लिया गया हो, तब यह समस्या उत्पन्न होती है। ब्रांच प्रेडिक्शन (Branch Prediction), डिले ब्रांच (Delay Branch)
स्ट्रक्चरल हैजार्ड (Structural Hazard) जब हार्डवेयर संसाधन (Resources) अपर्याप्त होते हैं और कई इंस्ट्रक्शन एक ही संसाधन का उपयोग करने का प्रयास करते हैं, तब यह समस्या उत्पन्न होती है। हार्डवेयर अपग्रेड, मल्टीपल यूनिट्स

1. डेटा हैजार्ड (Data Hazard)

यह तब होता है जब एक इंस्ट्रक्शन को किसी पिछले इंस्ट्रक्शन द्वारा उत्पन्न डेटा की आवश्यकता होती है, लेकिन वह डेटा अभी तक उपलब्ध नहीं हुआ है। यह समस्या मुख्य रूप से रजिस्टर डिपेंडेंसी (Register Dependency) के कारण होती है।

डेटा हैजार्ड के प्रकार:

  • RAW (Read After Write): यदि कोई इंस्ट्रक्शन किसी रजिस्टर का डेटा पढ़ना चाहता है, लेकिन पहले का इंस्ट्रक्शन अभी उसे लिख नहीं पाया है, तो यह समस्या होती है।
  • WAR (Write After Read): जब कोई इंस्ट्रक्शन किसी रजिस्टर में डेटा लिखना चाहता है, लेकिन पहले का इंस्ट्रक्शन उसी रजिस्टर को पढ़ रहा हो।
  • WAW (Write After Write): जब दो इंस्ट्रक्शन एक ही रजिस्टर में लिखने का प्रयास करते हैं।

2. कंट्रोल हैजार्ड (Control Hazard)

यह हैजार्ड तब होता है जब ब्रांच (Branch) या जंप (Jump) इंस्ट्रक्शन के कारण पाइपलाइन को पुन: व्यवस्थित करना पड़ता है।

समाधान:

  • ब्रांच प्रेडिक्शन: संभावित ब्रांच दिशा का अनुमान लगाकर निष्पादन जारी रखना।
  • डिले ब्रांच: ब्रांच इंस्ट्रक्शन के बाद कुछ और इंस्ट्रक्शन निष्पादित करने की अनुमति देना।

3. स्ट्रक्चरल हैजार्ड (Structural Hazard)

यह तब होता है जब CPU के संसाधन (Resources) अपर्याप्त होते हैं और एक से अधिक इंस्ट्रक्शन को एक ही संसाधन की आवश्यकता होती है।

समाधान:

  • हार्डवेयर अपग्रेड: अधिक संसाधनों को जोड़कर इस समस्या को हल किया जा सकता है।
  • मल्टीपल फंक्शनल यूनिट्स: विभिन्न इंस्ट्रक्शन के लिए अलग-अलग यूनिट्स प्रदान करना।

पाइपलाइन हैजार्ड्स से बचने की तकनीकें

  • फॉरवर्डिंग (Forwarding): डेटा को पहले ही अगले इंस्ट्रक्शन में भेजने की प्रक्रिया।
  • स्टालिंग (Stalling): यदि आवश्यक डेटा उपलब्ध नहीं है तो पाइपलाइन को कुछ समय के लिए रोक देना।
  • स्पेकुलेटिव एक्जीक्यूशन (Speculative Execution): संभावित इंस्ट्रक्शन का पहले से निष्पादन करना।
  • ब्रांच टार्गेट बफर (Branch Target Buffer - BTB): ब्रांच इंस्ट्रक्शन के संभावित परिणामों को पहले से स्टोर करना।

निष्कर्ष

Pipeline Hazards कंप्यूटर आर्किटेक्चर में एक महत्वपूर्ण चुनौती हैं, लेकिन उचित हार्डवेयर और एल्गोरिदम का उपयोग करके इन्हें कम किया जा सकता है। फॉरवर्डिंग, ब्रांच प्रेडिक्शन, और मल्टीपल फंक्शनल यूनिट्स जैसी तकनीकें इन समस्याओं को प्रभावी रूप से हल कर सकती हैं।

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