Program Partitioning और Scheduling in Hindi - प्रोग्राम विभाजन और शेड्यूलिंग | Advanced Computer Architecture Notes


Program Partitioning और Scheduling क्या है?

समानांतर कंप्यूटिंग (Parallel Computing) में, Program Partitioning और Scheduling दो महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं जो कार्यों (Tasks) को विभाजित और संसाधित करने की रणनीति को निर्धारित करती हैं। इन तकनीकों का उपयोग कंप्यूटर सिस्टम की दक्षता बढ़ाने और संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए किया जाता है।

1. Program Partitioning (प्रोग्राम विभाजन)

Program Partitioning वह प्रक्रिया है जिसमें एक बड़े प्रोग्राम को छोटे भागों (Subtasks) में विभाजित किया जाता है ताकि इसे समानांतर रूप से निष्पादित किया जा सके। यह प्रक्रिया समानांतर निष्पादन (Parallel Execution) को अधिक प्रभावी बनाती है।

Program Partitioning के प्रकार:

प्रकार विवरण
Functional Partitioning (क्रियात्मक विभाजन) प्रोग्राम को विभिन्न कार्यों (Functions) में विभाजित किया जाता है, जो स्वतंत्र रूप से निष्पादित किए जा सकते हैं।
Data Partitioning (डेटा विभाजन) डेटा को छोटे भागों में विभाजित किया जाता है ताकि प्रत्येक प्रोसेसर समानांतर रूप से विभिन्न डेटा सेट पर काम कर सके।
Domain Decomposition (डोमेन विभाजन) समस्या को डेटा डोमेन के आधार पर विभाजित किया जाता है और प्रत्येक खंड को एक अलग प्रोसेसर सौंपा जाता है।
Task Decomposition (कार्य विभाजन) कार्य को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाता है और विभिन्न प्रोसेसर पर वितरित किया जाता है।

Program Partitioning के लाभ:

  • प्रोग्राम की निष्पादन गति (Execution Speed) बढ़ती है।
  • संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग संभव होता है।
  • समानांतर प्रोसेसिंग अधिक प्रभावी बनती है।

2. Scheduling (शेड्यूलिंग)

Scheduling वह प्रक्रिया है जिसमें विभाजित कार्यों (Tasks) को प्रोसेसर पर निष्पादन के लिए व्यवस्थित किया जाता है। यह प्रक्रिया सिस्टम की दक्षता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

Scheduling के प्रकार:

प्रकार विवरण
Static Scheduling (स्थिर शेड्यूलिंग) कार्य विभाजन निष्पादन से पहले किया जाता है और प्रोसेसर को पहले से निर्धारित कार्य दिए जाते हैं।
Dynamic Scheduling (गतिशील शेड्यूलिंग) कार्य विभाजन निष्पादन के दौरान किया जाता है और प्रोसेसर कार्य को संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर प्राप्त करते हैं।
Preemptive Scheduling (प्रीएम्प्टिव शेड्यूलिंग) इसमें एक कार्य को अस्थायी रूप से रोककर किसी अन्य उच्च प्राथमिकता वाले कार्य को निष्पादित किया जाता है।
Non-Preemptive Scheduling (नॉन-प्रीएम्प्टिव शेड्यूलिंग) इसमें कार्य पूरा होने तक प्रोसेसर को नहीं छोड़ा जाता है।
Load Balancing (लोड संतुलन) कार्य को इस तरह वितरित किया जाता है कि सभी प्रोसेसर समान रूप से लोड साझा करें।

Scheduling के लाभ:

  • CPU संसाधनों का प्रभावी उपयोग होता है।
  • कार्य निष्पादन में देरी को कम किया जाता है।
  • प्रोसेसर लोड बैलेंसिंग से सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ती है।

Program Partitioning और Scheduling में अंतर:

विशेषता Program Partitioning Scheduling
परिभाषा कार्य को छोटे भागों में विभाजित करना कार्य को प्रोसेसर पर निष्पादित करने के लिए व्यवस्थित करना
प्रक्रिया कार्य विभाजन करना कार्य को प्रोसेसर को असाइन करना
लाभ समानांतर निष्पादन को कुशल बनाना CPU संसाधनों का सही उपयोग
उदाहरण Functional और Data Partitioning Static और Dynamic Scheduling

निष्कर्ष:

Program Partitioning और Scheduling समानांतर कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सही विभाजन से कार्य कुशलता बढ़ती है, और उचित शेड्यूलिंग से संसाधनों का प्रभावी उपयोग होता है। ये दोनों तकनीकें उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग और मल्टी-प्रोसेसिंग सिस्टम में आवश्यक हैं।

Related Post

Comments

Comments