Data Flow और Demand Driven Mechanisms in Hindi - डेटा फ्लो और डिमांड ड्रिवन मैकेनिज़म | Advanced Computer Architecture Notes


Data Flow और Demand Driven Mechanisms क्या हैं?

कंप्यूटर आर्किटेक्चर में Data Flow और Demand Driven Mechanisms डेटा प्रोसेसिंग और इंस्ट्रक्शन निष्पादन को नियंत्रित करने के दो महत्वपूर्ण दृष्टिकोण हैं। ये सिस्टम के निष्पादन मॉडल को निर्धारित करते हैं और समानांतर प्रोसेसिंग को अधिक कुशल बनाते हैं।

1. Data Flow Mechanism (डेटा फ्लो मैकेनिज़म)

Data Flow मैकेनिज़म में, प्रोग्राम निष्पादन का प्रवाह पूरी तरह से डेटा की उपलब्धता पर निर्भर करता है। इसमें नियमित नियंत्रण प्रवाह (Control Flow) के बजाय डेटा निर्भरता को प्राथमिकता दी जाती है।

Data Flow के प्रमुख तत्व:

  • Data Tokens: डेटा को टोकन के रूप में संग्रहीत किया जाता है, जो आवश्यकतानुसार प्रोसेसर तक पहुंचाया जाता है।
  • Data Flow Graph (DFG): यह एक ग्राफिकल संरचना है, जिसमें नोड्स इंस्ट्रक्शन को दर्शाते हैं और एज डेटा निर्भरता को दिखाते हैं।
  • Dynamic Scheduling: इंस्ट्रक्शन्स केवल तभी निष्पादित होते हैं जब आवश्यक डेटा उपलब्ध होता है।

Data Flow Architecture के प्रकार:

प्रकार विवरण
Static Data Flow हर इंस्ट्रक्शन का एक निश्चित निष्पादन क्रम होता है।
Dynamic Data Flow इंस्ट्रक्शन केवल तभी निष्पादित होते हैं जब आवश्यक डेटा उपलब्ध हो।
Hybrid Data Flow Static और Dynamic Data Flow का मिश्रण होता है।

Data Flow Mechanism के लाभ:

  • समांतर निष्पादन (Parallel Execution) में सुधार।
  • प्रोसेसर का अधिक कुशल उपयोग।
  • डेटा की उपलब्धता पर आधारित निष्पादन, जिससे प्रोसेसर निष्क्रिय नहीं रहता।

2. Demand Driven Mechanism (डिमांड ड्रिवन मैकेनिज़म)

Demand Driven Mechanism में प्रोग्राम का निष्पादन केवल तब होता है जब किसी डेटा की आवश्यकता होती है। इसे Lazy Evaluation के रूप में भी जाना जाता है।

Demand Driven Execution के प्रमुख तत्व:

  • On-Demand Processing: डेटा तभी लोड या प्रोसेस किया जाता है जब इसकी आवश्यकता हो।
  • Lazy Evaluation: गणनाएँ केवल तब की जाती हैं जब आउटपुट की मांग की जाती है।
  • Control Flow Priority: निष्पादन आदेशों के बजाय डिमांड आधारित होता है।

Demand Driven Mechanism के प्रकार:

प्रकार विवरण
Lazy Data Fetching केवल आवश्यक डेटा लोड किया जाता है, जिससे मेमोरी की बचत होती है।
On-Demand Computation गणनाएँ केवल तब होती हैं जब आउटपुट की आवश्यकता हो।
Reactive Systems इनपुट के आधार पर तुरंत आउटपुट उत्पन्न करने वाले सिस्टम।

Demand Driven Mechanism के लाभ:

  • संसाधनों (Resources) का कुशल उपयोग।
  • केवल आवश्यक गणनाएँ, जिससे निष्पादन तेज़ होता है।
  • समानांतर कंप्यूटिंग में अधिक दक्षता।

Data Flow और Demand Driven Mechanism में अंतर:

विशेषता Data Flow Mechanism Demand Driven Mechanism
निष्पादन का आधार डेटा की उपलब्धता पर निर्भर डिमांड या अनुरोध पर निर्भर
नियंत्रण प्रवाह कोई निश्चित नियंत्रण प्रवाह नहीं Lazy Evaluation का उपयोग करता है
डेटा प्रोसेसिंग डेटा उपलब्ध होते ही निष्पादित होता है केवल अनुरोध किए गए डेटा को प्रोसेस करता है
उदाहरण सुपरकंप्यूटर, वेक्टर प्रोसेसिंग डाटाबेस क्वेरी सिस्टम, वेब सर्वर

निष्कर्ष:

Data Flow और Demand Driven Mechanisms दोनों समानांतर कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डेटा फ्लो मॉडल डेटा उपलब्धता के आधार पर कार्य करता है, जबकि डिमांड ड्रिवन मॉडल डेटा की मांग होने पर निष्पादित होता है। आधुनिक कंप्यूटिंग सिस्टम दोनों तकनीकों को मिलाकर अधिक दक्षता प्राप्त करते हैं।

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