Branch Handling Techniques in Computer Architecture in Hindi | ब्रांच हैंडलिंग तकनीकें


ब्रांच हैंडलिंग तकनीकें क्या हैं?

कंप्यूटर आर्किटेक्चर में Branch Handling Techniques वे विधियाँ हैं जिनका उपयोग ब्रांच इंस्ट्रक्शनों के कारण होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। जब कोई ब्रांच इंस्ट्रक्शन पाइपलाइन में आता है, तो यह अनिश्चितता उत्पन्न करता है कि अगला इंस्ट्रक्शन कौन-सा निष्पादित होगा। इसे प्रभावी ढंग से संभालने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

ब्रांच हैंडलिंग के प्रकार

ब्रांच हैंडलिंग के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

तकनीक विवरण
ब्रांच डिले स्लॉट (Branch Delay Slot) ब्रांच इंस्ट्रक्शन के बाद कुछ इंस्ट्रक्शन निष्पादित करने की अनुमति देता है।
ब्रांच टार्गेट बफर (Branch Target Buffer - BTB) पिछले ब्रांच इंस्ट्रक्शनों के संभावित टार्गेट को स्टोर करता है।
ब्रांच प्रेडिक्शन (Branch Prediction) ब्रांच का पूर्वानुमान लगाकर निष्पादन जारी रखने की तकनीक।
डायनामिक ब्रांच प्रेडिक्शन ब्रांच की भविष्यवाणी करने के लिए रन-टाइम जानकारी का उपयोग करता है।

1. ब्रांच डिले स्लॉट (Branch Delay Slot)

इस तकनीक में, ब्रांच इंस्ट्रक्शन के बाद कुछ और इंस्ट्रक्शनों को निष्पादित करने की अनुमति दी जाती है, ताकि CPU का उपयोग कुशलतापूर्वक किया जा सके।

लाभ:

  • CPU को निष्क्रिय होने से बचाता है।
  • ब्रांच इंस्ट्रक्शन के कारण होने वाले स्टाल्स को कम करता है।

2. ब्रांच टार्गेट बफर (BTB)

BTB एक हार्डवेयर कैशिंग तकनीक है, जो यह स्टोर करता है कि पिछली बार जब ब्रांच हुआ था तो अगला इंस्ट्रक्शन कौन-सा निष्पादित हुआ था।

लाभ:

  • ब्रांच इंस्ट्रक्शन के संभावित टार्गेट को स्टोर करता है।
  • ब्रांच स्टाल को कम करता है।

3. ब्रांच प्रेडिक्शन (Branch Prediction)

यह तकनीक संभावित ब्रांच के निर्णय का पूर्वानुमान लगाने में मदद करती है। यदि अनुमान सही होता है, तो पाइपलाइन सुचारू रूप से काम करती है, अन्यथा गलत अनुमान से स्टॉल उत्पन्न हो सकता है।

ब्रांच प्रेडिक्शन के प्रकार:

  • स्थिर प्रेडिक्शन (Static Prediction): ब्रांच की दिशा को स्थायी रूप से निर्धारित करता है।
  • गतिशील प्रेडिक्शन (Dynamic Prediction): ब्रांच के पिछले व्यवहार के आधार पर भविष्यवाणी करता है।

4. डायनामिक ब्रांच प्रेडिक्शन

इसमें ब्रांच का पूर्वानुमान लगाने के लिए रन-टाइम जानकारी का उपयोग किया जाता है। इसमें दो मुख्य तकनीकें हैं:

4.1 टू-बिट प्रेडिक्टर (Two-Bit Predictor)

यह तकनीक पिछले दो ब्रांच परिणामों के आधार पर निर्णय लेती है।

4.2 हाइब्रिड ब्रांच प्रेडिक्शन (Hybrid Branch Prediction)

यह विभिन्न ब्रांच प्रेडिक्शन तकनीकों को मिलाकर अधिक सटीक परिणाम प्रदान करता है।

ब्रांच हैंडलिंग तकनीकों की तुलना

तकनीक सटीकता लागत प्रदर्शन
ब्रांच डिले स्लॉट निम्न कम मध्यम
BTB मध्यम मध्यम उच्च
स्टेटिक ब्रांच प्रेडिक्शन मध्यम कम मध्यम
डायनामिक ब्रांच प्रेडिक्शन उच्च अधिक बेहतर

ब्रांच हैंडलिंग तकनीकों के लाभ

  • ब्रांच इंस्ट्रक्शन के कारण होने वाले स्टाल्स को कम करता है।
  • CPU संसाधनों का बेहतर उपयोग करता है।
  • ब्रांच प्रेडिक्शन तकनीक प्रदर्शन को बढ़ाती है।

सीमाएँ

  • डायनामिक ब्रांच प्रेडिक्शन हार्डवेयर जटिलता को बढ़ा सकता है।
  • गलत पूर्वानुमान से प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

निष्कर्ष

ब्रांच हैंडलिंग कंप्यूटर आर्किटेक्चर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ब्रांच प्रेडिक्शन, BTB, और डिले स्लॉट जैसी तकनीकों का उपयोग करके ब्रांच इंस्ट्रक्शनों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इनमें डायनामिक ब्रांच प्रेडिक्शन सबसे अधिक प्रभावी है, लेकिन इसकी हार्डवेयर जटिलता अधिक होती है।

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