हैश फंक्शन और MACs की सुरक्षा - Security of Hash Functions and MACs in Cryptography in Hindi
हैश फंक्शन और MACs की सुरक्षा - Security of Hash Functions and MACs in Cryptography in Hindi
परिचय
क्रिप्टोग्राफी में **हैश फंक्शन (Hash Functions)** और **मैसेज ऑथेंटिकेशन कोड (MACs)** का उपयोग डेटा की अखंडता (Integrity) और प्रमाणीकरण (Authentication) सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इनकी सुरक्षा कुछ साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील हो सकती है। इसलिए, सुरक्षित क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम बनाने के लिए इन तकनीकों की सुरक्षा आवश्यक होती है।
हैश फंक्शन की सुरक्षा (Security of Hash Functions)
1. हैश फंक्शन की सुरक्षा आवश्यकताएँ
- प्रि-इमेज रेसिस्टेंस (Pre-image Resistance): हैश आउटपुट से इनपुट डेटा प्राप्त करना असंभव होना चाहिए।
- द्वितीय प्रि-इमेज रेसिस्टेंस (Second Pre-image Resistance): एक दिए गए इनपुट के लिए समान हैश उत्पन्न करने वाले अन्य इनपुट को ढूँढना कठिन होना चाहिए।
- कोलिजन रेसिस्टेंस (Collision Resistance): दो अलग-अलग इनपुट के लिए समान हैश आउटपुट उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
2. हैश फंक्शन पर साइबर हमले
हैश फंक्शन्स पर निम्नलिखित साइबर हमले हो सकते हैं:
क. ब्रूट फोर्स अटैक (Brute Force Attack)
- हमलावर सभी संभावित इनपुट्स की गणना करके सही इनपुट का पता लगाने का प्रयास करता है।
- बड़े बिट साइज़ के हैश (जैसे SHA-256, SHA-512) ब्रूट फोर्स से अधिक सुरक्षित होते हैं।
ख. कोलिजन अटैक (Collision Attack)
- हमलावर दो अलग-अलग इनपुट्स ढूँढता है, जिनका आउटपुट समान हो।
- MD5 और SHA-1 को कोलिजन अटैक के प्रति असुरक्षित माना जाता है।
ग. रेनबो टेबल अटैक (Rainbow Table Attack)
- हमलावर पहले से संग्रहीत हैश आउटपुट की तालिका का उपयोग करके मूल डेटा निकालने का प्रयास करता है।
- इससे बचने के लिए **सॉल्टिंग (Salting)** का उपयोग किया जाता है।
घ. लेंथ एक्सटेंशन अटैक (Length Extension Attack)
- हमलावर दिए गए हैश और मैसेज की लंबाई का उपयोग करके नए मान्य मैसेज जेनरेट कर सकता है।
- इससे बचने के लिए **HMAC (Hash-based MAC)** का उपयोग किया जाता है।
MAC (Message Authentication Code) की सुरक्षा
1. MAC की सुरक्षा आवश्यकताएँ
- गुप्त कुंजी आधारित प्रमाणीकरण: संदेश की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं के पास गुप्त कुंजी होनी चाहिए।
- छेड़छाड़ से सुरक्षा: कोई भी हमलावर मैसेज को बदलकर वैध MAC उत्पन्न नहीं कर सकता।
- रीप्ले अटैक से सुरक्षा: प्रत्येक संदेश के लिए अलग MAC उत्पन्न होना चाहिए।
2. MAC पर साइबर हमले
क. ब्रूट फोर्स अटैक
- हमलावर संभावित कुंजियों की गणना करके सही MAC खोजने का प्रयास करता है।
- लंबी और यादृच्छिक कुंजी का उपयोग इस हमले से बचाव कर सकता है।
ख. चुने गए मैसेज अटैक (Chosen Message Attack)
- हमलावर कई मैसेज्स और उनके MACs का विश्लेषण करके कुंजी निकालने का प्रयास करता है।
- सुरक्षित एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम (जैसे AES-CMAC, HMAC) से बचाव किया जा सकता है।
ग. रिप्ले अटैक (Replay Attack)
- हमलावर एक पुराने वैध मैसेज को फिर से भेजकर सिस्टम में धोखाधड़ी कर सकता है।
- इससे बचने के लिए **नॉनस (Nonce) और टाइमस्टैम्प** का उपयोग किया जाता है।
सुरक्षित हैश और MAC एल्गोरिदम
1. सुरक्षित हैश एल्गोरिदम
- SHA-256: 256-बिट आउटपुट उत्पन्न करता है, अत्यधिक सुरक्षित।
- SHA-512: 512-बिट आउटपुट उत्पन्न करता है, उच्च सुरक्षा स्तर।
- Blake2: तेज़ और सुरक्षित आधुनिक हैश एल्गोरिदम।
2. सुरक्षित MAC एल्गोरिदम
- HMAC (Hash-based Message Authentication Code): हैश फंक्शन के साथ गुप्त कुंजी जोड़कर सुरक्षित प्रमाणीकरण।
- CMAC (Cipher-based Message Authentication Code): AES या अन्य ब्लॉक साइफर पर आधारित सुरक्षित MAC।
- GMAC (Galois MAC): AES-GCM मोड पर आधारित, नेटवर्क सुरक्षा में उपयोग।
हैश और MAC सुरक्षा सुधारने के तरीके
- सॉल्टिंग (Salting): प्रत्येक मैसेज के साथ एक यूनिक रैंडम वैल्यू जोड़ें।
- HMAC का उपयोग: सामान्य हैशिंग की तुलना में HMAC अधिक सुरक्षित होता है।
- लंबी कुंजियाँ उपयोग करें: 256-बिट या अधिक लंबाई की कुंजियाँ उपयोग करना सुरक्षित होता है।
- नॉनस (Nonce) और टाइमस्टैम्प: रिप्ले अटैक रोकने के लिए आवश्यक।
निष्कर्ष
हैश फंक्शन और MAC क्रिप्टोग्राफी में **डेटा की सुरक्षा और प्रमाणीकरण** के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इन पर विभिन्न साइबर हमले हो सकते हैं, इसलिए **SHA-256, HMAC, CMAC** जैसे सुरक्षित एल्गोरिदम का उपयोग आवश्यक है।
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