डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (DES) क्या है? - Data Encryption Standard in Hindi
डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (DES) क्या है? - Data Encryption Standard in Hindi
परिचय
Data Encryption Standard (DES) एक क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम है जिसका उपयोग डेटा को सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्ट करने के लिए किया जाता है। इसे IBM द्वारा विकसित किया गया था और 1977 में National Institute of Standards and Technology (NIST) द्वारा आधिकारिक मानक के रूप में अपनाया गया। DES एक सिमेट्रिक-की एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम है, जिसका अर्थ है कि एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए एक ही कुंजी का उपयोग किया जाता है।
DES की कार्यप्रणाली
DES डेटा को 64-बिट के ब्लॉक्स में विभाजित करता है और 56-बिट की एक सीक्रेट की का उपयोग करके इसे एन्क्रिप्ट करता है। इसकी कार्यप्रणाली को निम्नलिखित चरणों में समझा जा सकता है:
1. इनपुट डेटा को 64-बिट ब्लॉक्स में विभाजित करना
DES एल्गोरिदम प्रत्येक 64-बिट ब्लॉक को प्रोसेस करता है, लेकिन वास्तव में 56-बिट की ही उपयोग की जाती है (बाकी 8-बिट परिटी चेक के लिए आरक्षित होते हैं)।
2. प्रारंभिक परिवर्तन (Initial Permutation - IP)
डेटा को एक निश्चित प्रारंभिक परिवर्तन (Permutation) से पास किया जाता है, जिससे डेटा के बिट्स को पुनः व्यवस्थित किया जाता है।
3. 16 राउंड फाइस्टल नेटवर्क (16 Rounds of Feistel Network)
DES एल्गोरिदम में 16 राउंड का Feistel Cipher लागू किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित चरण होते हैं:
- ब्लॉक को दो भागों में विभाजित करना: Left Half (L) और Right Half (R)
- प्रत्येक भाग पर सब-की (Sub-Key) लागू करना
- Feistel Function का उपयोग करना, जिसमें विस्तार (Expansion), XOR ऑपरेशन, सब्स्टीट्यूशन बॉक्स (S-Box) और पुनर्व्यवस्थित करने की प्रक्रिया होती है।
- अंत में, दोनों भागों को मिलाकर आगे बढ़ाना
4. अंतिम परिवर्तन (Final Permutation - FP)
16 राउंड के बाद, डेटा को अंतिम परिवर्तन से पास किया जाता है, जिससे Ciphertext प्राप्त होता है।
DES एल्गोरिदम के प्रमुख चरण
चरण | विवरण |
---|---|
प्रारंभिक परिवर्तन (IP) | डेटा के बिट्स को पुनः व्यवस्थित करता है। |
16 राउंड एन्क्रिप्शन | प्रत्येक राउंड में अलग-अलग सब-की का उपयोग करके डेटा को सुरक्षित किया जाता है। |
अंतिम परिवर्तन (FP) | Ciphertext तैयार करता है। |
DES की विशेषताएँ
- ब्लॉक साइज: 64-बिट
- की साइज: 56-बिट
- राउंड्स: 16
- प्रकार: सिमेट्रिक-की एन्क्रिप्शन
- तेजी से एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन
DES के लाभ
- सरल और प्रभावी एन्क्रिप्शन प्रक्रिया
- सिमेट्रिक-की क्रिप्टोग्राफी में उपयोगी
- सुरक्षित संचार और डेटा सुरक्षा में उपयोग
DES की सीमाएँ
- 56-बिट की छोटी कुंजी के कारण ब्रूट फोर्स अटैक से असुरक्षित
- आधुनिक समय में AES (Advanced Encryption Standard) द्वारा प्रतिस्थापित
- सुरक्षा के लिए 3DES (Triple DES) का उपयोग किया जाता है
3DES (Triple DES) क्या है?
DES की सुरक्षा कमजोरियों को दूर करने के लिए Triple DES (3DES) विकसित किया गया। इसमें तीन बार DES एन्क्रिप्शन प्रक्रिया लागू की जाती है:
- पहले एन्क्रिप्शन (Encryption) किया जाता है।
- फिर डिक्रिप्शन (Decryption) किया जाता है।
- फिर दोबारा एन्क्रिप्शन किया जाता है।
DES बनाम AES
विशेषता | DES | AES |
---|---|---|
ब्लॉक साइज | 64-बिट | 128-बिट |
की साइज | 56-बिट | 128-बिट, 192-बिट, 256-बिट |
राउंड्स | 16 | 10, 12, 14 |
सुरक्षा | कम | उच्च |
प्रदर्शन | धीमा | तेज |
निष्कर्ष
Data Encryption Standard (DES) एक पुराना लेकिन प्रभावी एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम था, जिसे आधुनिक समय में AES ने प्रतिस्थापित कर दिया है। हालांकि, यह क्रिप्टोग्राफी की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अब भी कई सिस्टम में सुरक्षा उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
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