बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क क्या है? | What is Back Propagation Neural Network in Hindi


बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क क्या है? (What is Back Propagation Neural Network?)

बैक प्रोपेगेशन (Backpropagation) न्यूरल नेटवर्क में **वेट अपडेट करने की एक विधि** है, जो **त्रुटि (Error) को कम करने** के लिए उपयोग की जाती है। यह **Gradient Descent** एल्गोरिदम पर आधारित होता है और डीप लर्निंग (Deep Learning) में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।

बैक प्रोपेगेशन का अर्थ

बैक प्रोपेगेशन का अर्थ है **त्रुटि को आउटपुट से इनपुट की दिशा में वापस भेजना**, जिससे न्यूरल नेटवर्क **सीख सके** और वेट्स को सही कर सके।

बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क की संरचना

बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क में मुख्यतः तीन लेयर होती हैं:

  • इनपुट लेयर (Input Layer): यह डेटा को न्यूरल नेटवर्क में फीड करता है।
  • हिडन लेयर (Hidden Layer): इसमें वेट्स और एक्टिवेशन फंक्शन का उपयोग करके डेटा प्रोसेस किया जाता है।
  • आउटपुट लेयर (Output Layer): यह अंतिम भविष्यवाणी (Prediction) प्रदान करता है।

बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क का गणितीय मॉडल

बैक प्रोपेगेशन एल्गोरिदम निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है:

  1. फॉरवर्ड प्रोपेगेशन (Forward Propagation): इनपुट से आउटपुट तक डेटा को न्यूरल नेटवर्क में भेजा जाता है।
  2. त्रुटि गणना (Error Calculation): अपेक्षित आउटपुट (Target Output) और वास्तविक आउटपुट (Actual Output) के बीच त्रुटि निकाली जाती है:
  3. Error = (Target Output - Actual Output)

  4. बैक प्रोपेगेशन (Backward Propagation): त्रुटि को आउटपुट से इनपुट की दिशा में भेजा जाता है, जिससे वेट्स अपडेट होते हैं।
  5. वेट अपडेट (Weight Update): Gradient Descent का उपयोग करके वेट्स को निम्नलिखित समीकरण द्वारा अपडेट किया जाता है:
  6. W(new) = W(old) - η * ∂Error/∂W

    • η (Eta): लर्निंग रेट (Learning Rate)
    • ∂Error/∂W: त्रुटि का वेट्स के संबंध में व्युत्पन्न (Gradient)

बैक प्रोपेगेशन एल्गोरिदम के चरण

बैक प्रोपेगेशन निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है:

  • इनपुट डेटा को फीड करें।
  • फॉरवर्ड प्रोपेगेशन द्वारा आउटपुट निकालें।
  • त्रुटि की गणना करें।
  • बैक प्रोपेगेशन द्वारा वेट अपडेट करें।
  • प्रक्रिया को तब तक दोहराएँ जब तक त्रुटि न्यूनतम न हो जाए।

बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क के अनुप्रयोग

  • छवि और आवाज पहचान (Image & Speech Recognition)
  • स्वचालित निर्णय लेने की प्रणाली (AI Decision Making Systems)
  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing - NLP)
  • मेडिकल डायग्नोसिस (Medical Diagnosis)

बैक प्रोपेगेशन और परसेप्ट्रॉन में अंतर

विशेषता परसेप्ट्रॉन बैक प्रोपेगेशन
परतों की संख्या सिंगल लेयर मल्टी लेयर
समस्या का प्रकार लीनियर क्लासिफिकेशन नॉन-लीनियर क्लासिफिकेशन
लर्निंग एल्गोरिदम सिंपल वेट अपडेट Gradient Descent
उपयोग सरल क्लासिफिकेशन टास्क डीप लर्निंग और एआई

बैक प्रोपेगेशन के लाभ

  • यह **त्रुटि को न्यूनतम करने** में मदद करता है।
  • यह **नॉन-लीनियर समस्याओं** को हल करने में सक्षम है।
  • मल्टी-लेयर न्यूरल नेटवर्क में **गहरी सीखने की क्षमता** को सक्षम करता है।

बैक प्रोपेगेशन की सीमाएँ

  • यह **धीमी गति** से कार्य करता है और अधिक संसाधनों की आवश्यकता होती है।
  • यह **ओवरफिटिंग** की समस्या से प्रभावित हो सकता है।
  • Gradient Descent में **Local Minima** में फंसने की संभावना होती है।

निष्कर्ष

बैक प्रोपेगेशन न्यूरल नेटवर्क एक शक्तिशाली लर्निंग एल्गोरिदम है, जो डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह त्रुटि सुधार और स्वचालित वेट एडजस्टमेंट के माध्यम से न्यूरल नेटवर्क को अधिक सटीक बनाता है।

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