McCulloch-Pitts न्यूरॉन मॉडल क्या है? | McCulloch-Pitts Neuron Model in Hindi


McCulloch-Pitts न्यूरॉन मॉडल क्या है?

McCulloch-Pitts न्यूरॉन मॉडल (M-P Model) पहला गणितीय रूप से परिभाषित न्यूरॉन मॉडल है जिसे Warren McCulloch और Walter Pitts ने 1943 में प्रस्तावित किया था। यह न्यूरल नेटवर्क की नींव रखता है और बाइनरी लॉजिक (Binary Logic) पर आधारित होता है।

McCulloch-Pitts न्यूरॉन की संरचना

यह न्यूरॉन मॉडल मुख्य रूप से तीन घटकों से मिलकर बना होता है:

  • इनपुट (Input): कई इनपुट न्यूरॉन को दिए जाते हैं।
  • वेट (Weight): हर इनपुट को एक वेट (w) दिया जाता है, जो उसके महत्व को दर्शाता है।
  • एक्टिवेशन फंक्शन (Activation Function): यह न्यूरॉन के आउटपुट को निर्धारित करता है।

गणितीय समीकरण

McCulloch-Pitts न्यूरॉन का आउटपुट निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिया जाता है:

Y = f( Σ (Xi * Wi) - θ )

  • Xi: इनपुट वैल्यू
  • Wi: संबंधित वेट
  • Σ: कुल योग
  • θ (Theta): थ्रेशोल्ड (Threshold) वैल्यू
  • f: एक्टिवेशन फंक्शन (Step Function)

एक्टिवेशन फंक्शन (Step Function)

McCulloch-Pitts मॉडल **Step Function** का उपयोग करता है:

इनपुट योग (ΣXiWi) आउटपुट (Y)
≥ θ 1 (Active State)
< θ 0 (Inactive State)

McCulloch-Pitts न्यूरॉन का कार्य करने का तरीका

1. सभी इनपुट्स (Xi) को उनके वेट (Wi) के साथ मल्टीप्लाई किया जाता है।

2. इन वेटेड इनपुट्स का कुल योग निकाला जाता है।

3. यदि यह योग एक निश्चित थ्रेशोल्ड (θ) से अधिक होता है, तो न्यूरॉन सक्रिय (1) हो जाता है, अन्यथा यह निष्क्रिय (0) होता है।

McCulloch-Pitts न्यूरॉन का उदाहरण

नीचे AND गेट को McCulloch-Pitts मॉडल द्वारा दर्शाया गया है:

इनपुट X1 इनपुट X2 Σ (X1 * W1 + X2 * W2) आउटपुट Y
0 0 0 0
0 1 0.5 0
1 0 0.5 0
1 1 1 1

McCulloch-Pitts न्यूरॉन के उपयोग

  • लॉजिकल गेट्स (AND, OR, NOT) को मॉडल करने में
  • न्यूरल नेटवर्क के बुनियादी स्वरूप को समझने में
  • बाइनरी क्लासिफिकेशन समस्याओं में

McCulloch-Pitts मॉडल की सीमाएँ

  • यह केवल बाइनरी इनपुट और आउटपुट को संभाल सकता है।
  • इसमें वेट एडजस्टमेंट (Learning Process) का अभाव होता है।
  • यह **XOR गेट** को हल नहीं कर सकता (Non-Linear Problems के लिए अयोग्य)।

निष्कर्ष

McCulloch-Pitts न्यूरॉन मॉडल न्यूरल नेटवर्क के लिए एक मूलभूत मॉडल है, जो लॉजिकल गेट्स और सिंपल क्लासिफिकेशन टास्क को हल कर सकता है। हालांकि, इसकी सीमाओं के कारण उन्नत न्यूरल नेटवर्क मॉडल विकसित किए गए, जैसे कि **परसेप्ट्रॉन और मल्टी-लेयर न्यूरल नेटवर्क**।

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