स्वैपिंग इन ऑपरेटिंग सिस्टम - Swapping in OS in Hindi


स्वैपिंग क्या है? (What is Swapping in OS?)

Swapping ऑपरेटिंग सिस्टम की एक मेमोरी मैनेजमेंट तकनीक है, जिसमें किसी निष्क्रिय या कम प्राथमिकता वाली प्रोसेस को मुख्य मेमोरी (RAM) से हटाकर सेकेंडरी स्टोरेज (डिस्क) में भेज दिया जाता है, जिससे अन्य प्रोसेस को निष्पादित करने के लिए स्थान मिल सके। जब उस प्रोसेस की आवश्यकता होती है, तो इसे पुनः RAM में लाया जाता है।

स्वैपिंग की प्रक्रिया (Swapping Process)

Swapping निम्नलिखित चरणों में कार्य करता है:

  1. यदि मुख्य मेमोरी में स्थान नहीं है और एक नई प्रक्रिया को लोड करना आवश्यक है, तो कम प्राथमिकता वाली प्रक्रिया को डिस्क पर स्वैप किया जाता है।
  2. नई प्रक्रिया को RAM में लोड किया जाता है और CPU को सौंपा जाता है।
  3. जब स्वैप की गई प्रक्रिया को पुनः निष्पादित करने की आवश्यकता होती है, तो इसे डिस्क से वापस RAM में लाया जाता है।

स्वैपिंग के लाभ (Advantages of Swapping)

  • मल्टीप्रोग्रामिंग में सुधार: अधिक प्रोसेस को RAM में लोड किया जा सकता है।
  • CPU उपयोग को बढ़ाता है: जब कोई प्रोसेस स्वैप होती है, तो दूसरी प्रोसेस CPU का उपयोग कर सकती है।
  • प्रोसेस निष्पादन में लचीलापन: बड़ी प्रोसेस को भी छोटे मेमोरी ब्लॉक्स में निष्पादित किया जा सकता है।

स्वैपिंग की हानियाँ (Disadvantages of Swapping)

  • स्वैपिंग समय: प्रोसेस को RAM से डिस्क में ले जाने और वापस लाने में समय लगता है, जिससे सिस्टम की गति प्रभावित हो सकती है।
  • डिस्क I/O ओवरहेड: बार-बार डिस्क एक्सेस करने से सिस्टम की परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है।
  • फ्रैग्मेंटेशन की समस्या: Swapping के कारण मेमोरी Fragmentation हो सकता है।

स्वैपिंग और पेजिंग में अंतर (Difference Between Swapping and Paging)

विशेषता Swapping Paging
परिभाषा पूरी प्रोसेस को RAM और डिस्क के बीच स्थानांतरित किया जाता है। प्रोसेस को छोटे-छोटे पेज में विभाजित करके RAM और डिस्क के बीच स्थानांतरित किया जाता है।
स्पीड धीमा तेज
फ्रैग्मेंटेशन हो सकता है नहीं होता
लचीलापन कम अधिक

स्वैपिंग का उपयोग (Applications of Swapping)

  • मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम में।
  • वर्चुअल मेमोरी को बेहतर बनाने के लिए।
  • लार्ज स्केल सर्वर सिस्टम में संसाधन प्रबंधन के लिए।

निष्कर्ष

Swapping ऑपरेटिंग सिस्टम में मेमोरी प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण तकनीक है, जो मल्टीप्रोग्रामिंग को सक्षम बनाती है। हालांकि, इसमें समय देरी (Latency) और फ्रैग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है, लेकिन यह CPU और मेमोरी उपयोग को अधिकतम करने के लिए आवश्यक है।

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