डायरेक्टरी स्ट्रक्चर क्या है? - Directory Structure in OS in Hindi


डायरेक्टरी स्ट्रक्चर क्या है? (What is Directory Structure in OS?)

Operating System में Directory Structure वह तरीका है जिसके द्वारा फाइलों को व्यवस्थित और प्रबंधित किया जाता है। डायरेक्टरी का मुख्य कार्य फ़ाइलों को संरचित रूप में संग्रहीत करना और उपयोगकर्ताओं को उन्हें आसानी से एक्सेस करने की अनुमति देना है।

डायरेक्टरी सिस्टम के प्रकार (Types of Directory Structure)

Operating System में विभिन्न प्रकार के डायरेक्टरी स्ट्रक्चर होते हैं, जो फ़ाइल प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाते हैं। नीचे विभिन्न प्रकार की डायरेक्टरी संरचनाओं का विवरण दिया गया है:

डायरेक्टरी संरचना विवरण
Single-Level Directory इस संरचना में सभी फाइलें एक ही डायरेक्टरी में स्टोर की जाती हैं।
Two-Level Directory प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए एक अलग डायरेक्टरी बनाई जाती है।
Hierarchical Directory इस संरचना में डायरेक्टरी के अंदर अन्य सब-डायरेक्टरी बनाई जा सकती हैं, जिससे एक पेड़ (tree) जैसी संरचना बनती है।
Acyclic Graph Directory यह Hierarchical Model का उन्नत रूप है, जिसमें एक ही फ़ाइल को कई डायरेक्टरी में साझा किया जा सकता है।
General Graph Directory इस संरचना में साइक्लिक लिंक की अनुमति होती है, जिससे डायरेक्टरी का नेटवर्क मॉडल बनता है।

1. Single-Level Directory

यह सबसे सरल डायरेक्टरी संरचना है, जिसमें सभी उपयोगकर्ताओं की फाइलें एक ही डायरेक्टरी में संग्रहीत होती हैं।

विशेषताएँ:

  • सरल और आसान प्रबंधन।
  • नामों का टकराव (name conflict) हो सकता है।
  • फ़ाइलों की संख्या बढ़ने पर प्रबंधन कठिन हो जाता है।

उदाहरण:

Root Directory
|
|-- File1
|-- File2
|-- File3

2. Two-Level Directory

इस संरचना में प्रत्येक उपयोगकर्ता की अपनी अलग डायरेक्टरी होती है, जिससे नामों का टकराव कम हो जाता है।

विशेषताएँ:

  • हर उपयोगकर्ता को अपनी निजी डायरेक्टरी मिलती है।
  • सुरक्षा बेहतर होती है।
  • उपयोगकर्ता एक-दूसरे की फाइलें डायरेक्ट एक्सेस नहीं कर सकते।

उदाहरण:

Root Directory
|
|-- User1
|   |-- File1
|   |-- File2
|
|-- User2
|   |-- File3
|   |-- File4

3. Hierarchical Directory

यह सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली संरचना है, जिसमें मुख्य डायरेक्टरी के अंदर कई सब-डायरेक्टरी हो सकती हैं।

विशेषताएँ:

  • फ़ाइलें सुव्यवस्थित रहती हैं।
  • अनुक्रमिक नेविगेशन आसान होता है।
  • कठिनाई यह है कि गहरी स्तर की डायरेक्टरी को एक्सेस करने में समय लग सकता है।

उदाहरण:

Root Directory
|
|-- Documents
|   |-- File1
|   |-- File2
|
|-- Pictures
|   |-- Image1
|   |-- Image2

4. Acyclic Graph Directory

इसमें फ़ाइलें कई डायरेक्टरी में साझा की जा सकती हैं, जिससे स्टोरेज की बचत होती है।

विशेषताएँ:

  • फ़ाइलें साझा की जा सकती हैं।
  • कई डायरेक्टरी एक ही फाइल की ओर पॉइंट कर सकती हैं।
  • सिस्टम को लूप डिटेक्शन की आवश्यकता होती है।

उदाहरण:

Root Directory
|
|-- User1
|   |-- File1
|
|-- User2
|   |-- File1 (Shared)

5. General Graph Directory

इस संरचना में डायरेक्टरी को एक-दूसरे से लिंक किया जा सकता है, जिससे नेटवर्क जैसी संरचना बनती है।

विशेषताएँ:

  • फ़ाइलों और डायरेक्टरी को लिंक किया जा सकता है।
  • सिस्टम को अनंत लूप से बचाने के लिए garbage collection तकनीक की आवश्यकता होती है।

उदाहरण:

Root Directory
|
|-- Dir1 --> Dir2
|
|-- Dir2 --> Dir3
|
|-- Dir3 --> Dir1 (Loop)

डायरेक्टरी संरचनाओं की तुलना (Comparison of Directory Structures)

विशेषता Single-Level Two-Level Hierarchical Acyclic Graph General Graph
सरलता बहुत सरल मध्यम थोड़ा जटिल जटिल अत्यधिक जटिल
नाम टकराव अधिक कम बहुत कम न्यूनतम न्यूनतम
सुरक्षा कम अधिक बेहतर बेहतर उच्च
फाइल शेयरिंग नहीं नहीं सीमित अधिक बहुत अधिक

निष्कर्ष

Directory Structure ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो फ़ाइलों के प्रबंधन को आसान बनाता है। विभिन्न प्रकार की डायरेक्टरी संरचनाएँ होती हैं, और उनका उपयोग सिस्टम की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है।

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