Routing Table Format क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में


Routing Table Format क्या है?

परिचय

Routing Table एक डेटा टेबल होती है जिसका उपयोग Routers और नेटवर्किंग डिवाइसेज़ द्वारा डेटा पैकेट को सही गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह नेटवर्क रूटिंग की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ब्लॉग में हम Routing Table Format, इसकी संरचना और इसके कार्य करने के तरीके के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1. Routing Table क्या है?

Routing Table एक डाटाबेस होता है जिसमें विभिन्न नेटवर्क रूट्स (पथों) की जानकारी होती है। जब भी कोई डेटा पैकेट एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में भेजा जाता है, तो Router Routing Table का उपयोग करके यह तय करता है कि पैकेट को किस मार्ग से भेजा जाए।

2. Routing Table का प्रारूप (Format)

Routing Table में कई महत्वपूर्ण फ़ील्ड्स होती हैं, जो डेटा पैकेट के गंतव्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक होती हैं। नीचे एक आदर्श Routing Table Format दिया गया है:

फ़ील्ड विवरण
Destination Network इस फ़ील्ड में वह नेटवर्क IP Address होता है जहाँ डेटा को भेजना होता है।
Subnet Mask नेटवर्क को सही तरीके से पहचानने के लिए सबनेट मास्क का उपयोग किया जाता है।
Next Hop अगला Router या Gateway जो डेटा पैकेट को आगे भेजेगा।
Interface वह नेटवर्क इंटरफेस (NIC) जिससे पैकेट को भेजा जाएगा।
Metric नेटवर्क तक पहुंचने के लिए कुल लागत या दूरी को दर्शाता है। कम मेट्रिक वाला मार्ग प्राथमिकता प्राप्त करता है।
Gateway पैकेट को किस डिवाइस के माध्यम से भेजना है, इसे दर्शाता है।
Protocol यह दर्शाता है कि रूट को किस रूटिंग प्रोटोकॉल (RIP, OSPF, BGP) द्वारा जोड़ा गया है।

3. Routing Table का कार्य कैसे करता है?

Routing Table का कार्य बहुत ही सरल लेकिन महत्वपूर्ण है। जब कोई डेटा पैकेट Router तक पहुंचता है, तो यह निम्नलिखित प्रक्रिया को अपनाता है:

  1. Router पैकेट के Destination IP Address को पढ़ता है।
  2. Routing Table में मौजूद Network Entries से मिलान करता है।
  3. सबसे उपयुक्त मार्ग (Route) का चयन करता है।
  4. पैकेट को Next Hop या Gateway के माध्यम से आगे भेजता है।
  5. यदि किसी भी Route से मेल नहीं खाता, तो Default Route का उपयोग किया जाता है।

4. Routing Table के प्रकार

Routing Table को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

1. Static Routing Table

  • इसमें मैन्युअल रूप से रूट्स को जोड़ा जाता है।
  • छोटे नेटवर्क के लिए उपयोगी होता है।
  • नेटवर्क में कोई बदलाव होने पर इसे मैन्युअली अपडेट करना पड़ता है।

2. Dynamic Routing Table

  • यह स्वतः अपडेट होता है।
  • रूटिंग प्रोटोकॉल (जैसे RIP, OSPF, BGP) का उपयोग करता है।
  • बड़े और जटिल नेटवर्क में उपयोग किया जाता है।

3. Default Routing Table

  • यह तब उपयोग किया जाता है जब कोई विशिष्ट मार्ग उपलब्ध नहीं होता।
  • अज्ञात गंतव्य को डिफ़ॉल्ट गेटवे पर भेजा जाता है।

5. Routing Table का उदाहरण

नीचे एक वास्तविक Routing Table का उदाहरण दिया गया है:

Destination Subnet Mask Next Hop Interface Metric Protocol
192.168.1.0 255.255.255.0 192.168.1.1 eth0 1 Direct
10.0.0.0 255.0.0.0 10.0.0.1 eth1 5 RIP
0.0.0.0 0.0.0.0 192.168.1.254 eth0 10 Default

6. रूटिंग प्रोटोकॉल (Routing Protocols)

Routing Table को अपडेट करने और मार्ग खोजने के लिए विभिन्न Routing Protocols का उपयोग किया जाता है:

  • RIP (Routing Information Protocol) – यह Distance Vector Algorithm का उपयोग करता है।
  • OSPF (Open Shortest Path First) – यह Link State Algorithm पर कार्य करता है।
  • BGP (Border Gateway Protocol) – यह इंटरनेट स्केल नेटवर्किंग के लिए उपयोग किया जाता है।
  • EIGRP (Enhanced Interior Gateway Routing Protocol) – यह एक Hybrid Protocol है।

7. Routing Table को देखने और प्रबंधित करने के कमांड्स

रूटिंग टेबल को देखने के लिए विभिन्न कमांड्स का उपयोग किया जाता है:

  • Linux में: route -n या netstat -r
  • Windows में: route print
  • Cisco Router में: show ip route

निष्कर्ष

Routing Table नेटवर्किंग में डेटा पैकेट्स को सही पथ पर भेजने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें Destination Network, Next Hop, Interface और Metric जैसी फ़ील्ड्स शामिल होती हैं। Routing Table Static, Dynamic और Default रूप में मौजूद होता है और विभिन्न Routing Protocols का उपयोग करता है। नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन और ट्रैफिक मैनेजमेंट में इसकी उपयोगिता अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है।

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